अमेरिका जाने वाले आईटी इंजीनियरों के लिए बुरी खबर : अमेरिका ने वीजा के शुल्कों में बढ़ोतरी की
वाशिंगटन: अमेरिका ने मंगलवार को लोकप्रिय एच-1बी और ए-1 वीजा की कुछ श्रेणियों में शुल्क में बड़ी वृद्धि की अधिसूचना जारी की जिससे मुख्यत: भारतीय आईटी कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा।
अमेरिका सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने कहा कि एच-1बी वीजा की कुछ श्रेणियों के लिए आवेदकों को 18 दिसंबर, 2015 के बाद की स्थिति में अतिरिक्त 4000 डॉलर शुल्क का भुगतान करना होगा।
इसके अलावा जो लोग कुछ खास एल-1 ए और ए-1बी के लिए आवेदन दे रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त 4500 डॉलर का भुगतान करना हेागा। कंसोलिडेटेड एप्रोप्रिएशन एक्ट, 2016 का हवाला देते हुए यूएससीआईएस ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क उन आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका में 50 या उससे अधिक कर्मचारी काम पर रखते हैं और उनमें 50 फीसदी से अधिक कर्मचारी एच-1बी या एल (एल-1ए और एल-1बी शामिल) गैर अप्रवासी दर्जे के हों।
इस कानून पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 18 दिसंबर केा हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिका सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने कहा कि एच-1बी वीजा की कुछ श्रेणियों के लिए आवेदकों को 18 दिसंबर, 2015 के बाद की स्थिति में अतिरिक्त 4000 डॉलर शुल्क का भुगतान करना होगा।
इसके अलावा जो लोग कुछ खास एल-1 ए और ए-1बी के लिए आवेदन दे रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त 4500 डॉलर का भुगतान करना हेागा। कंसोलिडेटेड एप्रोप्रिएशन एक्ट, 2016 का हवाला देते हुए यूएससीआईएस ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क उन आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका में 50 या उससे अधिक कर्मचारी काम पर रखते हैं और उनमें 50 फीसदी से अधिक कर्मचारी एच-1बी या एल (एल-1ए और एल-1बी शामिल) गैर अप्रवासी दर्जे के हों।
इस कानून पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 18 दिसंबर केा हस्ताक्षर किए थे।
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