ईपीएफओ 2015-16 के लिए दे सकता है बोनस तथा 8.75 प्रतिशत ब्याज
हालांकि बोनस उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने लगातार 12 महीने तक पीएफ में योगदान दिया है। ईपीएफओ बोनस बांटकर ब्याज दर न बढ़ा पाने की भरपाई करना चाहता है।
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल की बैठक 16 फरवरी को होनी प्रस्तावित है और श्रमिक यूनियनों ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भी 8.75 प्रतिशत दर से ब्याज देने और सभी अंशधारकों को 200 रुपये का समान बोनस अलग से देने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है।
वहीं, भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि पीजी बानसुरे ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था। आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सहित अन्य केंद्रीय श्रमिक यूनियनें वित्त वर्ष 2015-16 के लिए भविष्य निधि (पीएफ) जमाओं पर 9 प्रतिशत की ऊंची ब्याज दर के लिए जोर देंगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पांच करोड़ से अधिक अंशधारक हैं।
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा कि हम ईपीएफओ अंशधारकों के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत के ब्याज की मांग करेंगे। योजना में बोनस देने का कोई प्रावधान नहीं है। हम ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय पर लघु बचतों पर ब्याज दरें कम रखने का दबाव है। श्रम मंत्रालय के साथ चर्चा में, हो सकता है कि वे ईपीएफ पर भी कम ब्याज दर के किसी विकल्प पर काम कर रहे हों।
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