सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘तिकड़ी’ इस साल ग्रहण के पांच रोमांचक दृश्य दिखाएगी
उपच्छाया का नज़ारा
गुप्त ने बताया कि 23 मार्च को उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा। हालांकि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा देश में दिखायी नहीं देगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा (ग्रहण के वक्त धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि 18 अगस्त को इस साल का दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा। यह खगोलीय घटना भारत में दिखायी नहीं देगी।
गुप्त ने बताया कि एक सितंबर को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी भारत महरूम रहेगा। हालांकि, इस साल 16 सितंबर को लगने वाला तीसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण देश में दिखायी देगा। यह मौजूदा साल का आखिरी ग्रहण होगा। 2015 के खाते में कुल चार ग्रहण लिखे थे। इनमें दो पूर्ण चंद्रग्रहण, एक पूर्ण सूर्यग्रहण और एक आंशिक सूर्यग्रहण शामिल था।
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